Rashtriya Dhwaj Ki Design Kisne Taiyar Ki Thi ?
Rashtriya Dhwaj Ki Design Kisne Taiyar Ki Thi: राष्ट्रीय ध्वज ‘तिरंगे’ को हम सैल्यूट करते हैं. इसके सम्मान की रक्षा में अपनी जान की बाजी लगा देते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि इस Rashtriya Dhwaj Ki Design Kisne Taiyar Ki Thi? दरअसल अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में आजादी के मतवालों ने अपनी क्षमता के अनुरूप योगदान दिया. ऐसे ही एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी पिंगाली वेंकैया थे. उन्होंने ही Rashtriya Dhwaj Ki Design तैयार किया था. 2 अगस्त को भारत मां के महान सपूत इन्हीं Pingali Venkayya का जन्मदिन है. हालांकि यह दुखद है कि Pingali Venkayya को जीते-जी वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वह हकदार थे|
About Pingali Venkayya
142 साल पहले 2 अगस्त, 1876 को आंध्र प्रदेश के मछलीपत्तनम के निकटवर्ती एक गांव में Pingali Venkayya का जन्म हुआ. अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने सबसे पहले ब्रिटिश आर्मी को Join किया. उस वक्त उनकी उम्र महज 19 साल थी. Pingali Venkayya के जीवन में राष्ट्र प्रेम की अलख उस वक्त जगी जब उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई. दक्षिण अफ्रीका में आंग्ल-बोअर युद्ध के दौरान ये मुलाकात हुई. एक सामान्य मुलाकात से शुरू हुआ यह नाता उसके बाद 50 से अधिक वर्षों तक कायम रहा. गांधी जी की प्रेरणा से ही वह स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बने.
- पिंगाली वेंकैया का जन्म दो अगस्त, 1876 को आंध्र प्रदेश में हुआ|
- महात्मा गांधी से मुलाकात के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बने|
- 1921 में पहली बार ध्वज के संबंध में पहले डिजाइन को पेश किया|
इतने महान योगदान के बावजूद पिंगाली वेंकैया का 1963 में बेहद गरीबी में निधन हुआ. विजयवाड़ा में एक झोपड़ी में उनका देहावसान हुआ. उसके वर्षों बाद 2009 में उन पर एक डाक टिकट जारी हुआ. उसके बाद पिछले साल जनवरी में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने विजयवाड़ा के ऑल इंडिया रेडियो बिल्डिंग में उनकी प्रतिमा का अनावरण किया.
Rashtriya Dhawaj Details
Tirange ki Design kisne di: गांधी जी ने सबसे पहले 1921 में कांग्रेस के अपने झंडे की बात की थी। इस Rashtriya Dhwaj Ki Design को पिंगली वेंकैया ने Taiyar Ki Thi। इसमें दो रंग थे लाल रंग हिन्दुओं के लिए और हरा रंग मुस्लिमों के लिए। बीच में एक चक्र था। बाद में इसमें अन्य धर्मो के लिए सफेद रंग जोड़ा गया। स्वतंत्रता प्राप्ति से कुछ दिन पहले संविधान सभा ने राष्ट्रध्वज को संशोधित किया। इसमें चरखे की जगह अशोक चक्र ने ली जो कि भारत के संविधान निर्माता डॉ॰ बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने लगवाया। इस नए झंडे की देश के दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने फिर से व्याख्या की।
21 फीट गुणा 14 फीट के झंडे पूरे देश में केवल तीन किलों के ऊपर फहराए जाते हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में स्थित किला उनमें से एक है। इसके अतरिक्त कर्नाटक का नारगुंड किले और महाराष्ट्र का पनहाला किले पर भी सबसे लम्बे झंडे को फहराया जाता है
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Development of Tricolor
यह ध्वज भारत की स्वतंत्रता के संग्राम काल में निर्मित किया गया था। वर्ष 1857 में स्वतंत्रता के पहले संग्राम के समय भारत राष्ट्र का ध्वज बनाने की योजना बनी थी, लेकिन वह आंदोलन असमय ही समाप्त हो गया था और उसके साथ ही वह योजना भी बीच में ही अटक गई थी। वर्तमान रूप में पहुँचने से पूर्व भारतीय राष्ट्रीय ध्वज अनेक पड़ावों से गुजरा है। इस विकास में यह भारत में राजनैतिक विकास का परिचायक भी है।
FAQ’s
Q.1: तिरंगे का डिजाइनर कौन है?
Ans: भारत के राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, । इस तिरंगे का डिजाइनर पिंगली वैंकैया जी है।
Q.2: पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज कब फहराया गया था और कहां ?
Ans: पहली बार भारत का राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 फहराया गया था और पारसी बागान चौक (ग्रीन पार्क) कोलकाता में फहराया गया था |
Q.3: भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर कौन थे?
Ans: राष्ट्रीय ध्वज के डिजाइनर के तौर पर पिंगली वेंकैया जी को पहचाना जाता है।
Q.4: पिंगाली वेंकैया का निधन कब हुआ ?
Ans: पिंगाली वेंकैया का निधन 1963 मे हुआ ?
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