Jeevan Dhara Yojana In Rajasthan जीवनधारा योजना राजस्थान

Jeevan Dhara Yojana in Rajasthan

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Jeevan Dhara Yojana in Rajasthan : गरीबी की रेखा से नीचे रहने वाले छोटे और सीमान्त किसानों, SC, ST के लोगों तथा मुक्त कराए बंधुआ मजदूरों के लिये बिना किसी खर्च के कुँओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 1988-89 में एक नई योजना आरम्भ की गई थी। इस योजना का नाम ‘मिलियन वैल’ योजना था। इसको राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार कार्यक्रम तथा ग्रामीण भूमिहीनों के लिये रोजगार गारण्टी कार्यक्रम के अन्तर्गत शुरू किया गया था।

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Jeevan Dhara Schemes अप्रैल 1989 में इन दोनों रोजगार कार्यक्रमों को मिलाकर एक नया कार्यक्रम बना, जिसका नाम ‘जवाहर रोजगार योजना’ रखा गया। ‘मिलियन वैल’ योजना अब इसी ‘जवाहर रोजगार योजना’ के अन्तर्गत संचालित की जाती है।

Jeevan Dhara Yojana Rajasthan

Jeevan Dhara Yojana Rajasthan : Jeevan Dhara Yojana के अन्तर्गत निर्मित इन कुँओं से सिंचाई के लिये अब हर वक्त पानी उपलब्ध रहता है। वास्तव में देखा जाए तो यह पानी किसानों की Jeevan Dhara बन चुका है जो गरीबों की जिन्दगी में एक नई खुशहाली और हरियाली ला रहा है।

Scheme Name Jeevan Dhara Yojana Rajasthan
Who Started Government of Rajasthan
Beneficiary reserved category SC, ST of Rajasthan
Objective SC, ST के लोगों की जमीन के विकास के लिये
Official website OPEN
Subsidies 200000 to 300000
Number of Beneficiaries 4500

Rajasthan Jeevan Dhara Yojana

आज कुँओं के लिये यह Jeevan Dhara Yojana Rajasthan धनराशि का प्रावधान करती है। फिर भी भौगोलिक कारणों से जहाँ कुएँ नहीं खोदे जा सकते हैं, वहाँ इस Jeevan Dhara Yojana के लिये आवंटित राशि का इस्तेमाल गौण सिंचाई जैसे सिंचाई तालाबों की खुदाई, पानी संचय करने के स्थानों के निर्माण और मुक्त कराए बंधुआ मजदूरों तथा SC, ST के लोगों की जमीन के विकास के लिये किया जा सकता है। जो इन लोगों को भू-दान में या भूमि सीमा से अधिक पाई गई उपलब्ध जमीन के रूप में प्राप्त हुई। इस Jeevan Dhara Yojana Rajasthan के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी जिला स्तर पर जिला ग्रामीण विकास एजेंसी/जिला परिषद तथा गाँवों के स्तर पर ग्रामीण पंचायत की होती है।

Jeevan Dhara Yojana Rajasthan Benefits

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यह Jeevan Dhara Yojana Rajasthan उत्पादनोन्मुख कार्यों में अतिरिक्त रोजगार के अवसर जुटाने के लक्ष्य की भी पूर्ति करती है। यह ऐसे निर्माण कार्य हैं जो गरीबों को लाभ पहुँचाने के लिये अबाध रूप से चल रहे हैं और जिनके फलस्वरूप ग्रामीण क्षेत्रों में एक नये आधारभूत ढाँचे की संरचना हो रही है।

Jeevan Dhara Yojana Rajasthan Amount

वर्ष 1993-94 से यह Jeevan Dhara Schemes पिछड़े वर्गों के छोटे और सीमान्तक किसानों के लिये भी लागू कर दी गई है। जवाहर रोजगार योजना के अन्तर्गत उपलब्ध राशि का 30 प्रतिशत इस Jeevan Dhara yojna के लिये रखा जाता है। Rajasthan mein Jeevan Dhara योजना के आरम्भ होने से अब तक सारे देश में लगभग 7.85 लाख कुएँ खोदे जा चुके हैं और इन पर 2498.35 करोड़ रुपए की लागत आई है।

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जीवनधारा योजना से फायदे कि बात करे तो राज्यों के मामले में तमिलनाडु में हुई प्रगति इस Jeevandhara Yojana Rajasthan के क्षेत्र में काफी उल्लेखनीय है। वर्ष 1994-95 में तमिलनाडु को लगभग 73.5 करोड़ की राशि आवंटित की गई थी, जिसमें से लगभग 73.4 करोड़ रुपए ‘मिलियन वैल’ योजना के अन्तर्गत 6902 कुएँ खोदने तथा अन्य निर्माण कार्यों पर खर्च किए गए। 5548 कुँओं का निर्माण कार्य अभी पूरा होने वाला है। मिलियन वैल’ योजना जो तमिलनाडु राज्य में ‘जीवनधारा योजना’ के नाम से लोकप्रिय हो चुकी है

चेंगई-MGR. जिले में थिरूकल्लीकुन्दरम स्थान के नजदीक कुल्लीपटान्दलम गाँव में आजाद नाम का एक गरीब आदि द्रविण नौजवान है। अभी कुछ समय पहले तक यह 22 वर्षीय युवक अपनी ढाई एकड़ की बरानी जमीन में लगभग बेकार ही अपना पसीना बहाता चला आ रहा था, क्योंकि इस जमीन से उसे बहुत ही कम पैदावार मिल रही थी। अपनी जमीन की सिंचाई के लिये वह अन्य ग्रामवासियों की तरह वर्षा पर ही निर्भर रहता था। वर्षा से सिंचित इस जमीन पर उसे मुश्किल से धान की दो बोरियाँ मिल पाती थीं, जिनका मूल्य 1000 रुपए के बराबर होता था। तभी उसने जीवनधारा योजना के बारे में सुना और मदद के लिये जिलाधिकारी के पास पहुँचा।

इस जीवनधारा योजना के अन्तर्गत उसे 40 हजार रुपए मिले और इन रुपए से उसने एक कुँआ खुदवाया। फिर उसने बाद में एक पम्पसेट भी लगवाया। और यहीं से आजाद की जिन्दगी एकदम बदल गई। इस साल की शुरुआत में उसने एक फसल बोई और 10,000 रुपए का लाभ कमाया। अपनी मेहनत और इस जीवनधारा योजना से मिली धनराशि के कारण होने वाले लाभ से उत्साहित होकर अब उसने तिल की फसल बोई है और उसे आशा है कि 3 महीनों के दौरान ही उसे 3000 रुपए की आमदनी होगी। जीवनधारा योजना के फलस्वरूप आज आजाद के लिये यह सम्भव हो गया है कि वह वर्ष में 15 हजार रुपए तक कमा सकता है,

केवल चेंगई-MGR. जिले में ही कमजोर वर्ग के लगभग 2,500 गरीब किसान पिछले 4 वर्षों से जीवनधारा योजना से लाभान्वित हो रहे हैं। इनमें से अधिकांश ऐसे हैं जिन्होंने अपने खेतों में ऐसे कुँओं के निर्माण से अपनी आमदनी दोगुनी से भी अधिक कर ली है।

अब अधिकतर किसान इस जीवनधारा योजना से बराबर लाभ उठा रहे हैं। पहले इन किसानों के पास सिंचाई की कोई निश्चित सुविधा नहीं थी और वे वर्षा पर आधारित फसलें जैसे, टैपियोका, मूँगफली और तिल उगाकर साल में 10000 रुपए से भी कम कमा पा रहे थे। पर जब जिला प्रशासन ने जीवनधारा योजना के अन्तर्गत उनको समुचित सहायता प्रदान की तो वे इस स्थिति में आ गए कि वर्ष में 2-2 फसलें ले सकें और उनकी वार्षिक आमदनी भी 15,000 रुपए से ऊपर हो गई। पम्पसेट लगाने के लिये इन लाभार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर बिजली के कनेक्शन दिए जा रहे हैं।

Jivan Dhara Yojana

Jivan Dhara Yojana Rajasthan के अन्तर्गत निर्मित इन कुँओं से सिंचाई के लिये अब हर वक्त पानी उपलब्ध रहता है। वास्तव में देखा जाए तो यह पानी किसानों की Jeevan Dhara बन चुका है। राजस्थान में जीवनधारा योजना से गरीबों की जिन्दगी में एक नई खुशहाली और हरियाली ला रहा है।

Jivan Dhara Yojana Important Links

Jivan Dhara Yojana FAQ’s

Q.1: In Rajasthan Jeevan Dhara Yojana is Related to?

Ans: construction of irrigation wells.

Q.2: जीवन धारा योजना किस से सम्बंधित है?

Ans: राजस्थान के मजदूरों के लिये बिना किसी खर्च के कुँओं से सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने से सम्बंधित है

Marion

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